खुशबू है,
स्वाद है
कुछ चीज़ें, पैमाने से परे हैं ।
सोच है -
किसी ने नापा नहीं
तौला नहीं
मूल नहीं पर अस्तित्व है,
अगाध नहीं, असंख्य नहीं
बस पैमाने से परे हैं ।
Saturday, September 11, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बेकर्स डज़न
डी की अनुशंसा पर हमने फ़िल नाइट लिखित किताब “शू-डॉग” पढ़ना शुरु किया। किताब तो दिलचस्प है जिसमें नाइट ने अपने जीवन और संघर्ष की विस्तृत जानक...
-
ज़िन्दगी की अगली राउंड के लिए , परिवार में एक और पलायन की ख़बर आई , गंतव्य - लखनऊ। उम्र के उस पड़ाव से गुज़रे दो दशक से...
-
डी की अनुशंसा पर हमने फ़िल नाइट लिखित किताब “शू-डॉग” पढ़ना शुरु किया। किताब तो दिलचस्प है जिसमें नाइट ने अपने जीवन और संघर्ष की विस्तृत जानक...
-
उम्मीद समर उम्मीद भँवर उम्मीद सफ़र उम्मीद ही हल। उम्मीद जीवन उम्मीद किरण उम्मीद रंग बस उम्मीद ही संग। उम्मीद राग उम्मीद से आग उम्मीद विवा...
No comments:
Post a Comment