Tuesday, July 27, 2010

दर्पण

स्वप्निल,
डूबे,
कहीं खोए हुए से ।

धुंधले,
संकीर्ण,
सुलझाते कोई उलझन ।

उल्लासित ,
झिलमिलाते,
जगे, खिले हुए ।

छुपाते,
सहमे हुए से
ढके हुए, खामोश ।

मन-दर्पण
आँखें ।

बेकर्स डज़न

डी की अनुशंसा पर हमने फ़िल नाइट लिखित किताब “शू-डॉग” पढ़ना शुरु किया। किताब तो दिलचस्प है जिसमें नाइट ने अपने जीवन और संघर्ष की विस्तृत जानक...