Thursday, October 07, 2021

छोटे ही बने रहे

पहल में झिझक

 हल सबक

 शब्द में वज़न

बहाने दो दर्जन!


आगे  आना

बस बातें बनाना

खुद को रिझाना,

समझाना।


आड़ फिर ढूँढते

परतों को ओढ़ते

कश्मकश में डूबते,

विकल्प में ही घूमते।


 पीछे आगे

तटस्थ बस जमे रहे

बेख़ुदी में सने रहे,

आज भी छोटे ही बने रहे!

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