होंठ, जीव्हा, तालु में
हवा भर, उन्हें स्वर दे रही है
अब वो बोलना सीख रही है।
गौर से कभी सुनकर,
कभी यूँ ही अक्षरों को जोड़ तोड़ कर,
शब्दावली का विस्तार कर रही है
अब वो बोलना सीख रही है!
व्यक्त करने के नए माध्यम का
अवलोकन खूब कर रही है
अब वो बोलना सीख रही है!
हवा भर, उन्हें स्वर दे रही है
अब वो बोलना सीख रही है।
गौर से कभी सुनकर,
कभी यूँ ही अक्षरों को जोड़ तोड़ कर,
शब्दावली का विस्तार कर रही है
अब वो बोलना सीख रही है!
व्यक्त करने के नए माध्यम का
अवलोकन खूब कर रही है
अब वो बोलना सीख रही है!
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