मेरा उसको कनखियों से देखना बार बार
और उसका वो मुस्कुराना याद आता है
मेरी उठती गिरती सी साँस
और उसका हवाओं की तरह इतराना याद आता है
कस्तूरी जैसे दिन महकते थे
मेरी रातों का गुनगुनाना याद आता है
आंखों का वो बेपरवाह मिल जाना
और उनका अनायास ही झुक जाना याद आता है
रातों को तनहा याद में किसीकी
धुआं उडाता एक दीवाना याद आता है
जो कह न सके वो फ़साना याद आता है
गुज़रा हुआ दिलकश ज़माना याद आता है
PS: Inspired ;)
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