चाय बहाना है
दिनचर्या सुनाने का
किसने, किससे, क्या कहा
बताने का
शीत युद्ध में
थोड़ी गर्माहट लाने का।
चाय बहाना है
सुनने सुनाने का
कैसा रहा आज
और ट्रैफ़िक वाली बात
कितने कॉल्स आज रात
रूटीन सी दिन को
स्पेशल बनाने का।
कहीं छंदों का कहीं संगों का कहीं फूल बहार के खेलों का चट्टानों, झील समंदर का सुन्दर रंगीन उपवनों का ख़ुशबू बिखेरती सुगंध का, कभी रसीले पकवान...
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