खुशबू निचोड़े भरे जामों की दुनिया, ये दुनिया...
कहकहे लगाते अश्लीलों की दुनिया
ढोंग मे लिप्त बेशर्मों की दुनिया,
रंग भरे फीके रूहों की दुनिया,
खोखले ख्यालों के वाचालों की दुनिया, ये दुनिया
दिखावटी, ओछे भंगियों की दुनिया
फायदों को जोडती, ओहदे टटोलती,
नेकी की कब्र खोदती ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है !!!
Sahir, Piyush Mishra...my two cents
Sunday, March 27, 2011
दुनिया
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दिन
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