क्यों डरे है ज़िन्दगी में क्या होगा,
कुछ न होगा तो तजुर्बा तो होगा।
Friday, October 09, 2009
क्या बदला??
फ़िर से कहाँ बह चले ---- बहाव में विचार भी जैसे घिस गए । उन पुराने पन्नों में --- वो मोड़ फ़िर दिखे, जहाँ कभी हम टूट गए, जहाँ मूल्य भी सब छूट गए । उस चमकदार रौशनी में शायद हम ही भटक गए। उन मोड़ पर क्या बदला ? शायद हम या शायद हालात बदल गए।
Well Written ..
ReplyDeleteI liked the line" Shaayd hum ya shayad halat badal gaye "
Nice!!!!
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