Thursday, November 07, 2019

महंगा सौदा

जीवन की सबसे बड़ी पूँजी 
हर सुबह 
किसी और के हाथ
छोड़ आता हूँ
जाने इस महंगे सौदे में 
कितना खोता हूँ
और क्या कमाता हूँ?

आज की फ़िक्र नहीं
कल की आस में
आसमान काटता हूँ;
जानता हूँ 
मृगतृष्णा है कल,
फिर भी खुद को बहलाता हूँ 
जाने इस महंगे सौदे में 
कितना खोता हूँ
और क्या कमाता हूँ?

चरित्र

कहीं छंदों का कहीं संगों का कहीं फूल बहार के खेलों का चट्टानों, झील समंदर का सुन्दर रंगीन उपवनों का ख़ुशबू बिखेरती सुगंध का, कभी रसीले पकवान...