थूक का लहराता लार हूँ मैं
गंदगी शिरोमणि बिहार हूँ मैं
शोरगुल हो हल्ला की चीत्कार हूँ मैं
टऽच कर देखो यलगार हूँ मैं
गिरता पड़ता बीमार हूँ मैं
हर बात पर तनी तलवार हूँ मैं
सिंहों की दौड़ में रंगा सियार हूँ मैं
भूत पर इतराता बेकार हूँ मैं।
बदल न पाओ वो इख़्तियार हूँ मैं
तुम्हारे बोझे को ढोने तैयार हूँ मैं
हर इल्ज़ाम सहता गुनाहगार हूँ मैं,
मज़दूरों, रैयत का सिपाहसलार हूँ मैं
दबों कुचलों का सार हूँ मैं
मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथिली
जानें कितनो में बंटा तार तार हूँ मैं
जीतने की नहीं है जल्दी
फिलहाल तो हार हूँ मैं
हॉं तो कोनची बिहार हूँ मैं।