हर सोमवार ये ख़याल आता है
एक कम्पनी खोल दूं।
तू सबसे बेकार आदमी है
अपने मैनेजर को बोल दूं।
वो जो कट कर, अभी लहराते हुए गया
उसकी गाड़ी फोड़ दूं।
तेरी क्या कीमत है बता,
अभी तूझे तेरा मोल दूं।
फिर ख़याल चमकता है -
बज बज कर फ़ट गया
मैं भी कैसा ढोल हूँ!
एक कम्पनी खोल दूं।
तू सबसे बेकार आदमी है
अपने मैनेजर को बोल दूं।
वो जो कट कर, अभी लहराते हुए गया
उसकी गाड़ी फोड़ दूं।
तेरी क्या कीमत है बता,
अभी तूझे तेरा मोल दूं।
फिर ख़याल चमकता है -
बज बज कर फ़ट गया
मैं भी कैसा ढोल हूँ!